उस शिशु पर अपने वज्र से प्रहार करा तब एक शीशों सात खण्डों में विभाजित हुआ! उस शिशु पर अपने वज्र से प्रहार करा तब एक शीशों सात खण्डों में विभाजित हुआ!
उसे कुछ नहीं हुआ है निकम्मा है और कुछ नहीं। नाटक है इसके बस। उसे कुछ नहीं हुआ है निकम्मा है और कुछ नहीं। नाटक है इसके बस।
जिंदगी के सफर में कभी पास तो कभी दूर क्यों चला जाता हूं। जिंदगी के सफर में कभी पास तो कभी दूर क्यों चला जाता हूं।
तृप्ति : अरे यार स्कूटी खराब हो गई है... इसलिए ओटो में आ रही हूं...!! तृप्ति : अरे यार स्कूटी खराब हो गई है... इसलिए ओटो में आ रही हूं...!!
मै अपनी नई कंपनी चलाने के लिए शहर से गांव गया था। मै अपनी नई कंपनी चलाने के लिए शहर से गांव गया था।
और तब तक जब तक कि इन्हें वास्तव में इस पीड़ा से मुक्ति ना मिल जाय। और तब तक जब तक कि इन्हें वास्तव में इस पीड़ा से मुक्ति ना मिल जाय।